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मोदीराज लाओ

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भारत बचाओ

बुधवार, 18 दिसंबर 2013

अपने भक्तों के बापू आशा राम बनाम सेकुलर गद्दारों के आदर्श तैहलका के मालिक तरूण तेजपाल...इतना भेदभाव क्यों?


मित्रो पहले तो ये सपष्ट कर दें कि न तो  हम आशा राम जी के समर्थक हैं और न ही तहलका के मालिक तरूण तेजपाल के । दोनों का अपना अलग-अलग भूतकाल है दोनों का अपना-अपना बजूद है।

आशा राम ठहरे कथाबचक और तरूण तेजपाल ठहरा महिलाओं के अधिकारों और इमानदारी का तथाकथित रखवाला ।

आशा राम ठहरे इटालियन अंग्रेज के कट्टर बिरोधी और तरूण तेजपाल ठहरा इस अंग्रेज के टुकड़ों पर पलने वाला सपोला।

आशा राम के जीवन पर कितने भी लांछन सरकारों द्वारा क्यों न लगाए गए हों पर आसाराम जी का सामाजिक जीवन हमेशा समाज को सही दिशा देने का प्यत्न करता हुआ प्रतीत होता है दूसरी तरफ सेकुलर गद्दार और मिडीया अपने चहेते सेकुलर तरूण तेजपाल को कितना भी सर आँखों पर रखे पर तरूण तेजपाल का सामाजिक जीवन नशे, दुराचार, बयभिचार और षडयन्त्रों से भरपूर नजर आता है।

आशा राम ने बहुत पैसा बनाया लेकिन इस पैसे को बनाने के लिए आशा राम ने देश से गद्दारी नहीं की जबकि तरूण तेजपाल ने पैसा बनाने के लिए देश के दुशमनों के साथ हाथ मिलाकर भारत में एक विदेशी की गुलाम सरकार बनाने में मदद कर देश के साथ बहुत बड़ी गद्दारी की। एक तरफ जहां आशा राम ने अपने अन्दर कमजोरियां होते हुए भी समाज को सही दिशा देने की कोशिश की वहीं तरूण तेजपाल ने खुद नशे, ब्यभिचार और लूट में सामिल होने के साथ-साथ समाज को  भी उसी दिशा में ले जाने की कोशिश की और दुराचार के अनुकूल महौल बनाने में अपनी पूरी ताकत लगाई।

आशा राम पर छेड़छाड़ का आरोप लगते ही मडीया ने लगभग तीन महीने लगातार आशा राम को बदनाम करने के लिए सेकिलर गद्दारों से पैसा लेकर काल्पनिक कहानियं बनाकर उनके बिरूद्ध समाज में घृणा का बाताबरण बनाने का भरपूर प्रयास किया वहीं तरूण तेजपाल पर बालातकार का संगीन आरोप लगने के बाभी सेकुलर गद्दारों और मिडीया ने उसे नेक सेकुलर इनसान साबित करने का भरपूर प्रयास किया कहांनिया चलाने का तो प्रशन ही पैदा नहीं होता।

जहां आशा राम पर लगे छेड़छाड़ के आरोप को बालातकार बताने की भरपूर कोशिश की गई वहीं तेजपाल पर लगे बालाताकर के आरोप को आपसी मन मुटाब कहकर दबाने की भरपूर कोशिश की गई।

जहां आशा राम पर लगे आरोप के बाद उसकी बेटी और पत्नी को बदनामकर फंसाने की भरपूर कोशिश सेकुलर गद्दारों और मिडीया ने वहीं तरूण तेजपाल दारा अपनी बेटी की सहेली से बालातकार करने के बाबजूद उसके परिवार के उपर एक शब्द कहने की कोई भी कोशिश सेकुलर गद्दारों द्वारा नहीं की गई(करनी भी नहीं चाहिए लेकिन आशा राम के परिवार पर क्यों?)।    

आशा राम पर आरोप लगने के साथ ही हरामी सेकुलर गद्दारों द्वारा उनकी सम्मपति और वयक्तिगत जीवन के बारे में इतनी घृणा फैलाई गई कि सेकुलर सरकारों व बोद्धिक गुलामों ने प्रभाव में आकर  उनकी सम्मपतियों पर हमले शुरू कर दिए जबकि तरूण तेजपाल द्वारा दामिनी पर हुई दरिंदगी के जैसी ही दरिंदगी साबित हो जाने के बाबजूद सेकुलर गद्दारों और सेकुलर सरकारों व उनके पालतु मिडीया ने इस दरिंदे के बिरूद्ध न तो कोई घृणा का बाताबरण बनाया और नहीं कोई कार्यवाही करने की जहमत उठाई इस दरिंदे द्वारा बनाय गए ऐशो आराम के अड्डों पर आज भई  नशे से लेकर जुए औऱ वेशयवृति तक के हर तरह के गैर कानूनी ब आसामाजिक कुकर्म यथाबत जारी हैं।

आशाराम पर लगे आरोपों के कई महीने बीत जाने के बाद आज भी उनको बदनाम कर उनके प्रति घृणा पैदा के का कुकर्म यथाबत जारी है जबकि दरिंदे तरूण तेजपाल पर सेकुलर गद्दारों की खामोशी यथाबत जारी है।

मन में एक ही पर्श्न पैदा होता है कि आशा राम पर तो एक आरोप मात्र है तो भी आशाराम , उसकी बेटी, उसकी पत्नी उसके भक्त सबके सब को बदनाम कर उनके बिरूद्ध घृणा का बातबारण का निर्माण कर उनकी जिन्दगी को तबाह कर देने का षडयन्त्र आखिरकार इन सेकुलर गद्दारों द्वारा क्यों किया गया? जबकि दरिंदे तरण तेजपाल और तरूण तेजपाल की दरिंदगी पर पर्दा डालने का अपराध करने वाली सोमा चौधरी को हर तरह से बचाने का प्रयत्न सेकुलर गद्दारों द्वारा क्यों किया गया ?

मित्रो गहन विचार करने के बाद  यही कारण नजर आते हैं

1)पहला ये कि आसा राम सेकुलर गद्दारी हमेशा पोल खोलते रहे  जबकि तरूण तेजपाल सेकुलर गद्दार का अपना चहेता है।

2) आशा राम ने वयक्गत कमजोरिया होते हुए भी समाज को भारतीय संस्कृति का अनुशरण करने का रास्ता दिखाया वही रास्ता जिससे दुराचारी , ब्याभिचारी और नसैड़ी सेकुलर गद्दार नफरत करते हैं  और तरूण तेजपाल क्योंकि खुद   दुराचारी , ब्याभिचारी और नसैड़ी है इसीलिए सेकुलर गद्दार औरकार इसे पसन्द करते हैं।

3)आशा राम बिदेशी नेता, विदेशी सोच, बिदेशी मिडीया , बिदेशी बस्तुओं का विधीरो रहा है जबकि तरूण तेजपाल खुद भारत के बिदेशी शत्रुओं का ऐजेंट रहा  है और इस मामले में सेकुलर सरकारों और सेकुलर गद्दार उसके साथ हैं।

4) आशा राम र्चच द्वारा किए जा रहे धर्मांतरण व अन्य भारतविधी षडयन्त्रों के हमेशा बिरोधी रहे हैं जबकि तरूण तेजपाल और सेकुलर मिडीया व सेकुलर सरकारें पूरी तरह चर्च के इसारे पर काम करती हैं।

5)बापू आशा राम ने हिन्दूओं को आतंकवादी कहे जाने के बिरूद्ध  अन्य सन्तों के साथ मिलकर सेकुलर गद्दारों , सेकुलर सरकारों, सेकुलर मिडीया के बिरूध पानीपत की तीसरी लड़ाई की घोषणा की ।

अगर सेकुलर गद्दारों ने पाकिसतानी आतंकवादियों से मिलकर हेमंत करकरे को न मरवाया होता तो इसी तीसरी लड़ाई में petro dollar & Us dollar पर पलने वाले सेकुलर गद्दारों , सेकुलर पार्टियों और सेकुलर मिडीया का आज तक नमोनिशान मिट गया होता...         

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