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मोदीराज लाओ

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भारत बचाओ

मंगलवार, 15 नवंबर 2011

राहुल को भला शर्म क्यों न आए?

हम भारतीय अक्कसर भावनाओं में बहकर बहुत सी ऐसी गलतियां कर जाते हैं जिनके परिणाम हमें अपना खून बहाकर –इज्जत आबरू लुटवाकर भुगतने पड़ते हैं।
वेशक आप समझेंगे कि हम राजीब गांधी की उस भावनात्मक गलती की बात कर रहे हैं जिसके परिणाम स्वारूप वो इटालियन विषकन्या के फेर में पड़कर चर्च द्वारा रचे गए एक ऐसे षडयन्त्र का सिकार हो गए जिसकी कीमत उन्हें पहले तो अपना मान सम्मान खोकर(चर्च के सहयोग से सोनिया व क्वात्रोची द्वारा अन्जाम दिए गए बोफोर्स कांड) व बाद में अपने प्राण देकर चुकानी पड़ी।
लेकिन ये गलती तो राजीब गांधी की व्यक्तिगत गलती थी। अगर भारतीय भावनाओं में न बहते तो उनकी इस व्यक्तिगत गलती को राष्ट्रीय गलती न बनने देते। क्योंकि भारत में लोकतन्त्र है इसलिए अगर भारतीय भावनाओं में न बहते तो चुनाबों में विदेशी को आगेकर चुनाब लड़ने वाली पार्टी से सबन्धित प्रत्यासियों की जमानत जब्त करवा देते।चर्च को अपने आप पता चल जाता कि उसके षडयन्त्र भारत में सफल होने वाले नहीं लेकिन ऐसा हो न सका।
अगर जम्मू कशमीर में मुसलमानों को ईसाई बनाने बाले पादरियों को पकड़ कर जेल में डाला जा सकता है तो फिर भला क्यों सारे देश में हिन्दूओं को ईसाई बनाने में लगे पादरियों को जेल में नहीं डाला जा सकता।
ये हमारी भावनात्मक गलतियों का ही परिणाम है जिन लोगों(मुसलमानों और इसाईयों को ) को हमने अपना जैसा मानकर अपने देश भारत में शरण दी उन्हीं मुसलमानों ने हमें पहले अफगानीस्तान,फिर पाकिस्तान, बंगलादेश और अब कशमीर घाटी से बाहर निकाल दिया वो भी पूरी तरह लूटकर कर व आसाम और केरल से भारतीयों को वेदखल करने का संघर्ष जोरों पर है। मुसलमानों की ही तरह ईसाईयों ने भी हमें अपने बहुमत वाले उतर पूर्वी राज्यों से वेदखल कर दिया।
फिर आज हम देश के हर कोने में मुसलमानों और ईसाईयों के बरबर हमलों से प्रताड़ित अपने सगे हिन्दूों के साथ खड़े होने के बजाए इन आततायियों की बगल में खड़े हैं। क्यों , क्योंकि हिन्दी मिडीया,विके हुए नेता,पत्रकार,फिल्मकार अरब देशों से मिलने वाले पैट्रो डालर व युरोपियन देशों से मिलने बाले यु एस डालर के बल पर हमें समझा रहे हैं कि क्योंकि ये अल्पशंख्यक हैं इसलिए वेचारे हैं ,सेना ,हिन्दूओं व हिन्दू संगठनों के सताए हुए हैं इसलिए हमें इन पर दया आ रही है परिणास्वारूप हम इन शातिर आक्रमणकारियों के साथ खड़े होकर अपने सगे हिन्दूओं को मरबा रहे हैं क्योंकि मारे जाने वाले व प्रताड़ित हिन्दूओं के वारे में हमें समझाने-बताने वाला कोई नहीं। कुछ मुठीभर लोग अगर बताने की कोशिश करते भी हैं तो हम शांति भंग होने का हबाला देकर उन्हें चुप करवा देते हैं।
ये क्या ये हमारी भावनात्मक गलती नहीं कि जिस विषकन्या एडवीज एंटोनिया अलवीना माइनो उर्फ सोनिया गांधी को हमने अपनी बहु समझकर सिर आंखों पर विठाने के साथ-साथ भारत के सिंहासन पर बैठाया वही विषकन्या आज सचरकमेटी रिपोर्ट, रंगनाथ मिश्रा कमेटी रिपोर्ट, 'Prevention of Communal and Targeted Violence Bill, 2011 जैसे षडयन्त्रों के माध्यम से हमें ठिकाने लगाने के लिए दिन-रात भारत के शत्रुओं के साथ मिलकर काम कर रही है।
अब आप राहुलRahul_Gandhi-18 को ही देख लीजिए जो चिल्ला-चिला कर कह रहा है कि उसे भारतीय-हिन्दूस्तानी होने पर शर्म आती है मतलब बो भारतीय नहीं कहलाना चाहता। बैसे वो भारतीय है भी नहीं। आप उसे 25% भारतीय कह सकते हैं क्योंकि उसकी माम इटालियन है व दादा भी तो पूरी तरह भारतीय नहीं।
फिर भी सोचने वाली बात ये है कि क्यों उसे भारतीय संस्कृति से इतनी नफरत है?
असल में इसकी रगों में वो इटालियन खून दौड़ रहा है जिस देश का प्रधानमन्त्री सिल्वियो बर्लुस्कोनी अपने ही देश की लड़कियों-महिलाओं को माफिया की सहायता से खरीदकर या उठवाकर उनकी मंडी सजाता है।लेकिन फिर इटली खासकर चर्च की राजधानी रोम की जनता तक उसका विरोध  नहीं करती और भारत में इस तरह की बात तक करने पर लोग मरने-मारने पर उतारू हो जाते हैं ।
अब ऐसे ब्याभिचारी व बरबर माफियाओं के देश इटली से सबन्ध रखने वाला राहुल विन्सी भला भारत में घुटन क्यों न महसूस करे। उपर से चर्च द्वारा तैयार की गई विषकन्या द्वारा भरा गया भारतविरोधी-हिन्दूविरोधी जहर।
इन सब हालात में अब आप ही बताओ कि जिसकी रगों में ब्याभिचारी व बरबर माफियाओं के देश इटली का खून दौड़ रहा हो उसे भारत जैसे महान देश में शर्म क्यों न आए?
पहचानो इस भारतविरोधी-हिन्दूविरोधी को और ठान लो कि हम  और भावनात्मक गलतियां नहीं करेंगे… 

1 टिप्पणी:

aarya ने कहा…

बहुत सही लिखा है आपने भाई जी ......