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मोदीराज लाओ

मोदीराज लाओ
भारत बचाओ

शनिवार, 31 जनवरी 2009

नापाक सेकुलर गिरोह के देशविरोधी षडयन्त्र

भारत में आज बहुत ही खतरनाक स्थिति बनती जा रही है अपने हिन्दूराष्ट्र भारत में विदेशी संस्कृति से प्रेरित मीडिया, खुद को सैकुलर कहलवाने वाले राजनीतिक दलों, बिके हुए देशद्रोही मानवाधिकार संगठनों, खुद को सामाजिक कार्यकर्त्ता कहलवाने वाले गद्दारों, आतंकवादियों व परजीवी हिन्दुविरोधी लेखकों का एक ऐसा सेकुलर गिरोह बन चुका है जो भारत को सांस्कृतिक व आर्थिक रूप से तबाह करने पर आमादा है। इस गिरोह को हर उस बात से नफरत है जिसमें भारतीय संस्कृति व राष्ट्रवाद का जरा सा भी अंश शेष है । यह गिरोह हर उस बात का समर्थन करता है जो देशद्रोही कहते या करते हैं । यह गिरोह देश की रक्षा के लिए जान खतरे में डालकर जिहादी आतंकवादियों का सामना करने वाले देशभक्त बहादुरों से अपराधियों जैसा व्यवहार कर रहा है और न जानें उनके लिए क्या-क्या अपशब्द प्रयोग रहा है। देशद्रोही जिहादियों व अन्य आतंकवादियों को बेचारा गरीब अनपढ़ व सत्ताया हुआ बताकर हीरो बनाता जा रहा है । सेवा के नाम पर छल कपट और अवैध धन का उपयोग कर भोले-भाले बनवासी हिन्दुओं को गुमराह कर उनमें असभ्य पशुतुल्य विदेशी सोच का संचार कर हिन्दुविरोधी-राष्ट्रविरोधी मानसिकता का निर्माण करने वाले धर्मान्तरण के ठेकेदारों को हर तरह का सहयोग देकर देश की आत्मा हिन्दू संस्कृति को तार-तार करने में जुटा है। यह गिरोह एक ऐसा तानाबाना बुन चुका है जिसे हर झूठ को सच व हर सच को झूठ प्रचारित करने में महारत हासिल है।
हम दाबे के साथ कह सकते हैं कि इस हिन्दुविरोधी देशद्रोही गिरोह की क्रियाप्रणाली हमेशा जिहाद व धर्मांतरण समर्थक रही है इसमें भी खतरनाक कड़बी सच्चाई यह है कि इस हिन्दुविरोधी देशद्रोही गिरोह ने कभी भारतीय संस्कृति के प्रतीकों का सम्मान करने वाले देशभक्त मुसलमानों व ईसाईयों जो खुद को हिन्दूसमाज का अभिन्न अंग व भारत को अपनी मां मानते हैं को न कभी प्रोत्साहन दिया न ही कभी उनका भला चाहा ।
इस हिन्दुविरोधी देशद्रोही गिरोह को अगर किसी की चिन्ता है तो उन जिहादियों व धर्मांतरण के ठेकेदारों की जो अपनी आवादी बढ़ाकर ,धर्मांतरण करवाकर ,शान्तिप्रिय हिन्दुओं का खून बहाकर इस हिन्दूराष्ट्र भारत के फिर से टुकड़े कर इस्लामिक व ईसाई राज्य वनाने का षड़यन्त्र पूरा करने के लिए इस देशद्रोही सरकार का समर्थन पाकर अति उत्साहित होकर आगे बढ़ रहे हैं ।
देश के हिन्दुबहुल क्षेत्रों में लगातार हो रहे बम्बविस्फोट व धर्मांतरण पर जोर इसी षड़यन्त्र को आगे बढाने का हिस्सा है। सरकार द्वारा मर्यादापुर्षोत्तम भगवान श्री राम के अस्तित्व को नकारना, आतंकवादविरोधी कानून पोटा को हटाना, अफजल का समर्थन करना, धर्मांतरण विरोधी कानून न बनाना और अपनी जान जोखिम में डालकर आतंकवादियों को पकड़ने व मारगिराने वाले सेना पुलिस अर्धसैनिकबलों के जवानों को अपमानित करना व जेल में डालना यही दर्शाता है कि ये सरकार जिहादियों व धर्मान्तरण के ठेकेदारों के देशतोड़क षड्यन्त्रों को आगे बढाने के लिए कितनी आतुर है व किस हद तक गिर सकती है ।
इन सब षड्यन्त्रों का विरोध करने वाले हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों पर सरकार द्वारा बोला जा रहा हमला व इनको बदनाम करने के लिए आए दिन रचे जा रहे षड्यन्त्र सरकार की इसी मानसिकता का परिचायक है वैसे भी आप इतना तो समझ ही सकते हैं कि जो सरकार एक विदेशी इटालिएन अंग्रेज एंटोनिया माइनो मारियो की गुलाम हो वो ये सब नहीं करेगी तो और क्या करेगी ?
जरा सोचो जिन जिहादियों ने भारतीय संस्कृति के प्रतीक दर्जनों मन्दिरों को तोड़ा, हजारों हिन्दुओं को चुन चुन कर या हिन्दुबहुल क्षेत्रों में बम्बविस्फोट करके मौत के घाट उतारा, प्रजातन्त्र के सबसे बडे मन्दिर संसद भवन तक पर हमला किया, तो भला ऐसा क्या है कि इन जिहादियों ने इस गिरोह के एक भी केन्द्र पर आज तक एक भी हमला नहीं किया ?

क्योंकि मुस्लिम जिहादी इस गिरोह के देशविरोधी-हिन्दुविरोधी चरित्र से अच्छी तरह परिचित है और आतंकवादी, देशविरोधी-हिन्दुविरोधी पर हमला करें यह कैसे हो सकता है ?
वैसे तो आप समझ ही गये होंगे कि हम हिन्दूविरोधियों के किस देशद्रोही गिरोह की बात कर रहे हैं और इस में कौन कौन हैं पर फिर भी कल कोई यह न कहे कि हिन्दू कार्यकर्ता देशद्रोहियों का नाम लिखने से डर गया इसलिए हम इनके बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे । यह देशद्रोही हिन्दुविरोधी गिरोह अपने आपको सैकुलर कहलवाना पसन्द करता है जबकि सच्चाई यह है कि यह वर्तमान भारत का सबसे ज्यादा हिंसात्मक व सांप्रदायिक गिरोह है ।
इसका एक सदस्य कांग्रेस, धर्म के नाम पर देश के विभाजन को स्वीकार कर चुकी है बचे हुए हिन्दू भारत में कानून भारतीयों की जगह भाषा, जाति, क्षेत्र, संप्रदाय के आधार पर बनाकर व अल्पसंख्यकवाद के नाम पर जिहादी आतंकवादियों व धर्मांतरण के ठेकेदारों का समर्थन कर अगले विभाजन की नींब रख चुकी है।
जबकि इसका दूसरा घटक मुस्लिमलीग वो है जिसने धर्म के नाम पर अलग देश पाकिस्तान मांगा और अलगाववादी जिहादियों के लिए आज भी प्रेरणा स्रोत है।
जबकि तीसरा घटक लैफ्ट है जिसने 1962 के युद्ध में चीन का साथ दिया तथा जिसके द्वारा चलाई जा रही हिंसा से बेकसूर देशभक्त हिन्दुओं का कत्ल किया जा रहा है जो हर वक्त भारतीय संस्कृति सभ्यता का अपमान करता है। हिन्दुओं का हर स्तर पर विरोध करता है। भारत की अखण्डता का विरोध करता है। माओवादी व नक्सली हिंस्सा का सूत्रधार है। मार्च 2006 में जिहादियों के साथ मिलकर संसार में अमेरिका द्वारा मारे जा रहे मुस्लिम आतंकवादीयों के विरोध में प्रदर्शन करवाता है व मुस्लिम गुंडों से हिन्दुओं पर हमले करवाता है।
इसका चौथा व पाँचवां घटक समाजवादी पार्टी व राष्ट्रीय जनता दल वे हैं जो सिमी उर्फ इंडियन मुझाहिदीन जैसे आतंकवादी गैंग पर प्रतिबन्ध लगाने का विरोध करते हैं मुस्लिम आतंकवादियों को खुश करने के लिए हिन्दुओं का खून बहाने का समर्थन करते हैं तथा राष्ट्रवादी हिन्दूसंगठनों पर प्रतिबंध की मांग कर खुद को बाबर की औलाद सिद्ध करते हैं।
इस देशद्रोही हिन्दुविरोधी गिरोह का सातवां घटक वो है जो इनके जैसा देशद्रोही दिखने के लिए बंगलादेशी घुसपैठियों को भारत की नागरिकता देने की मांग करता है l
जरा सोचो अगर ये घटक देशभक्त होते तो भला ऐसे देशद्रोही काम करते ? कभी नहीं
इसके अतिरिक्त इस सेकुलर गिरोह के कई और सहयोगी हैं जो अभी राष्ट्रवाद और देशद्रोह में से किसी एक सपष्ट दिशा में नहीं हैं उनके द्वारा भविष्य में किए जाने वाले काम ही यह तय करेंगे कि वो हर हाल में इस देशविरोधी-हिन्दुविरोधी सेकुलर गिरोह का साथ देते हैं या इस गिरोह के देशविरोधी-हिन्दुविरोधी कामों से तंग आकर राष्ट्रवाद की ओर मुड़ जाते हैं।
अगर ये गिरोह किसी ईसाई या मुस्लिम बहुल देश में होता और ठीक इसी तरह ईसाईयों या मुसलमानों के विरोध में काम करता जैसे हिन्दुओं के विरोध में कर रहा है तो या तो ऐसे गिरोह के नेताओं को फाँसी पर लटका दिया जाता या लोग पत्थरों से पीट-पीट कर इनकी हत्या कर देते पर ये सब हो रहा है शान्तिप्रिय हिन्दुओं की मातृ भूमि भारत में और वो भी हिन्दुओं को यहां से खदेड़ने के लिए फिर भी देश के गद्दार अभी तक जिन्दा हैं व अपनी मां का सौदा सरे बाज़ार कर रहे हैं !
पिछले दिनों इस देशद्रोही गिरोह ने सोराबुदीन के बहाने यह सिद्ध करने का प्रयत्न किया कि भारत में निर्दोष मुसलमानों पर अत्याचार किए जा रहे हैं पर सच्चाई यह है कि सोराबुदीन एक जिहादी आतंकवादी था न कि कोई सूफी सन्त । इस आतंकवादी के घर से दर्जनों एके-47 व हैंडग्रनेड मिले थे। जरा सोचो इन हथियारों का इस्तेमाल किसके विरूद्ध किया जाना था स्पष्ट है हिन्दुओं के विरूद्ध। जिन जवानों ने इस आतंकवादी को मारा उन्होनें सैंकडों निर्दोष हिन्दुओं के जानमाल की रक्षा की। अगर यह गिरोह ऐसे दुर्दाँत आतंकवादी को बेचारा निर्दोष मुसलमान कहकर प्रचारित करता है तो यह इस देशद्रोही हिन्दुविरोधी गिरोह की तालिबानी मानसिकता नहीं तो और क्या है ?
हमें तो कई बार ऐसा लगता है जैसे मानो इस गिरोह से जुड़े लोग भारत माता को अपनी मातृ भूमि ही नहीं मानते अगर ये भारत माता को अपनी मातृ भूमि मानते होते तो देशद्रोही जिहादियों के समर्थन में यूँ न खड़े होते वेचारा, अनपढ़, सत्ताया हुआ कहकर उनके द्वारा बम्बविस्फोटों में बहाये गए निर्दोषों के लहू को जायज ठहराने का नीच प्रयास न करते, न ही मुठभेड़ों में मारे गये देशद्रोही जिहादियों के मामले उछाल कर सुरक्षाबलों को बदनाम करने का घिनौना अपराध करते !
क्या इस गिरोह ने कभी कश्मीर घाटी में मुस्लिम जिहादियों द्वारा चलाए गए हिन्दू मिटाओ हिन्दू भगाओ अभियान(जिसमें हजारों हिन्दुओं को हलाल कर मारा गया व लाखों हिन्दुओं को अपना घरबार छोड़कर भागने को मजबूर किया गया, जिस जिहाद के दायरे में अब सारे हिन्दुस्थान को लेने का प्रयास हिन्दुओं के धार्मिकस्थलों व हिन्दुबहुल क्षेत्रों में किए जा रहे बम्बविस्फोटों से स्पष्ट दिख रहा है)के विरोध में कभी इतनी प्रखर आवाज उठाई जितनी ये लोग पिछले छः वर्षो से गुजरात के बारे में उठाए हुए हैं वो भी तब जब गुजरात में पहले हमला गोधरा में रेल के डिब्बे में अठाबन हिन्दुओं को जिन्दा जलाकर व 43 को घायल कर जिहादी मानसिकता वाले मुसलमानों ने किया था । बाद में हिन्दुओं द्वारा आत्मरक्षा में प्रतिक्रियास्वरूप हुई हिंसा में उनके समर्थक व दुर्घटनाबस कुछ आम मुसलमान व हिन्दू भी मारे गये थे किसी ने यह कहने की जहमत न उठाई कि अगर मुसलमान हिन्दुओं पर हमला न करते, शान्तिप्रिय हिन्दुओं को जिन्दा न जलाते, तो न दंगे होते न कोई मरता ।
क्या आपने कभी इस गिरोह को हर रोज शहीद हो रहे सुरक्षाबलों के जवानों व आए दिन बहाए जा रहे निर्दोष हिन्दुओं के खून के विरोध में आवाज उठाते हुए देखा ?
क्या शहीद हुए जवानों व हिन्दुओं के परिवारों के सामने आ रही विपत्तियों को इतने जोर-शोर से उठाते हुए देखा ?
जितने जोर-शोर से ये शान्तिप्रिय हिन्दुओं का खून बहाने वाले जिहादियों के लिए उठाते हैं नहीं न, क्यों ?
क्योंकि इस देशद्रोही गिरोह को तो चिन्ता सिर्फ आतंकवादियों व उनके परिवारों की है न कि देश की रक्षा की खातिर बलिदान होने वाले जवानों व हिन्दुओं की ।
कश्मीर में कुछ महीने पहले आपने देखा कि किस तरह जिहादियों के शवों को जमीन से खोद कर निकालते हुए दिखाया गया और कहा गया कि ये जिहादी आतंकवादी निर्दोष हैं घन्टों इसका प्रसारण किया जाता रहा वो भी लाइब । जिहादियों को आम मुसलमान बताकर उनके समर्थन में प्रदर्शन करते हुए दिखाया गया । जिन देशभक्त सुरक्षाबलों के जवानों ने अपने प्राणों की परवाह न करते हुए इन आतंकवादियों को मार गिराया, को वहां की देशद्रोही सरकार के साथ मिलकर जेल में डलबा दिया गया । जिस सरकार का मुखिया माननीय सर्वोच्च न्यायालय से फाँसी की सजा प्राप्त देशद्रोही जिहादी आँतकतवादी को बचाने का प्रयत्न करता है वो सरकार देशद्रोहियों की नहीं तो और किसकी है ?
उन्हीं दिनों रजौरी में जिहादियों ने छः हिन्दुओं को हलाल किया इससे पहले 2 मई 2006 को डोडा व उधमपुर में 36 हिन्दुओं को एक साथ जिहादी आतंकवादियों द्वारा कत्ल किया गया तो भला इस देशद्रोही मीडिया ने कितने घंटे सीधा प्रसारण किया ? कितने अनाथ बच्चों जो जिहादी आतंकवादियों की वजह से लावारिस हो गए के साक्षात्कार दिखाए ? कितनी महिलाओं जिनके सुहाग इन मुस्लिम जिहादी आतंकवादियों ने उजाड़ दिए, जिनके छोटे-छोटे बच्चे हलाल कर दिए गए, का दुख इस हिन्दुविरोधी देशद्रोही मीडिया ने दिखाया ।

गुजरात में कुछ महीने पहले एक मुस्लिम जिहादी लड़की इसरत जहां मारी गई जिसके बारे में इस देशद्रोही मीडिया व जिहाद समर्थकों ने सारी दुनिया में अफवाह फैला दी कि यह लड़की निर्दोष है और गुजरात की सरकार मुस्लिम विरोधी है इसलिए इसे पुलिस ने मार गिराया । इस मुस्लिम जिहादी लड़की के जनाजे में जिहाद समर्थक कांग्रेसियों व समाजवादियों ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया । कुछ चैनलों ने इसका सीधा प्रसारण किया । जैसे अपने देशद्रोही चरित्र को दिखाने के लिए ये काफी न हो महाराष्ट्र की कांग्रेस सरकार ने मुस्लिम जिहादी लड़की की मौत पर मुआब्जा भी दिया । क्योंकि यह लड़की महाराष्ट्र की थी इस लिए जांच का जिम्मा महाराष्ट्र पुलिस के विशेष दल(ए टी एस) को सौंपा गया। गहन छानबीन के बाद यह पाया गया कि यह लड़की आतंकवादी थी । जिहादी संगठनों ने खुद इसे अपना सहयोगी बताकर उसे इस्लाम के लिए शहीद बताया ।
अब जरा आप ही सोचो कि खुद को सैकुलर कहलवाने वाला यह देशद्रोही राजनैतिक दलों व गद्दार मीडिया का गिरोह जिहादी आतंकवादियों का बार-बार उनके मुस्लिम होने के नाम पर समर्थन कर सब के सब मुस्लिमों पर आतंकवादी होने का ठप्पा लगा रहा है कि नहीं ?
पिछले सोलह वर्षों से यह देशद्रोही गिरोह एक झूठ बार-बार बड़ी बेशर्मी से दोहराए जा रहा है कि बाबरी मस्जिद गिरा दी । हम इस देशद्रोही गिरोह की जानकारी के लिए यह वता दें कि 1992 में हिन्दूकार्यकर्त्ताओं ने कारसेवा श्री राम मन्दिर के जीर्णोद्धार के लिए की थी न कि किसी मस्जिद को गिराने के लिए अगर भरोसा न हो तो अपने सहयोगी कांग्रेस से पता कर लें कि 1986 में कांग्रेस सरकार के प्रधानमन्त्री स्वर्गीय राजीव जी ने जिस पूजास्थल पर लगा ताला खुलवाया था व पूजा की थी वो मन्दिर था या मस्जिद ? हमें तो हैरानी होती है कि जिस मन्दिर में पूजा होती थी वो गिरने के बाद इन हिन्दू-विरोधियों के लिए मस्जिद कैसे हो गई ?
वैसे भी इस देशद्रोही गिरोह व उसके सहयोगियों को छोड़ कर बच्चा- बच्चा जानता है कि अयोध्या भगवान राम जी की जन्मभूमि है। जहां पर आक्रांता बाबर के शासन से पहले भगवान राम जी का भव्य मन्दिर था जिसके ऊपर के हिस्से को, जिहादी बाबर के आदेश से उसके सेनापति मीरबाकी ने, मस्जिदनुमा बनवा दिया था । जिस मस्जिदनुमा ढांचे में कभी नमाज तक अता नहीं की गई भला उस ढांचे को कोई विवेकशील व्यक्ति मस्जिद कैसे कह सकता है ? हम तो चाहेंगे कि यह गिरोह देश को बताए कि मक्का मदीना में कितने मन्दिर या चर्च हैं ?
एन डी ए की सरकार के दौरान भारत यात्रा पर आए ईरान के धार्मिक प्रमुख खातमी जी ने स्पष्ट कहा “ जिस स्थान पर एक बार भी पूजा की गई हो उसे किसी भी स्थिति में मस्जिद नहीं कहा जा सकता । अगर इतना काफी न हो तो यह देशद्रोही हिन्दुविरोधी गिरोह यह बता दे कि अगर पूर्वजों की निशानी पर कोई आक्रमणकारी कब्जा कर ले तो उसे छुड़बाना बच्चों का फर्ज है कि नहीं ?
अन्त में इन जयचन्द की सन्तानों से हम इतना ही कहेंगे कि अगर हो सके तो सच का सामना करना सीखो और सच यही है कि अयोध्या में भगवान राम जी का मन्दिर था, है और रहेगा चाहे ये हिन्दुविरोधी जितना मर्जी जोर से चिल्लाते रहें सच तो सच है इसे दबाया नहीं जा सकता ।
अगर इस गिरोह में जरा सी भी इन्सानियत नाम की चीज या फिर माननीय न्यायालय के प्रति जरा सा भी सम्मान बाकी है तो इसे चाहिए कि माननीय न्यायालय का फैसला आने तक यथास्थिति का पालन करते हुए मन्दिर शब्द का प्रयोग करे या फिर अपना जहरीला प्रचार बन्द रखे अन्यथा माननीय न्यायालय का फैसला सत्य के पक्ष में आने पर होने वाले जान माल के नुकसान की जिम्मेवारी लेने के लिए तैयार रहे !
क्योंकि इस देशद्रोही हिन्दुविरोधी गिरोह का झूठा और जहरीला प्रचार न केवल मुस्लिम जिहादियों को आम मुसलमानों को भड़काने का मसाला देता है पर साथ ही विदेशों में इस झूठ को फैलाकर धन इकट्ठा करने का मौका भी देता है। उसी धन से हथियार खरीद कर हिन्दुओं को शहीद किया जाता है।
हो सकता है उसी धन का कुछ हिस्सा शायद इस देशद्रोही हिन्दुविरोधी गिरोह की जेब में भी जाता हो वरना ऐसा कैसे हो सकता है कि यह गिरोह शान्तिप्रिय को हिंसक, देशभक्त को देशद्रोही, सर्वधर्मसमभाव के जन्मदाता पोषक व समर्थक शान्तिप्रिय हिन्दुओं को सांप्रदायिक व आतंकवादी सिद्ध करने का बार-बार असफल प्रयत्न करता है और बेनकाब होता जाता है। इनका यह जहरीला प्रचार कहीं न कहीं शान्तिप्रिय आस्तिक हिन्दुओं को भी उत्तेजित करता है। माना के हिन्दू शांतिप्रिय है सनातन में विश्वास रखता है पर हर बात की एक हद होती है !
मुस्लिम जाहादियों द्वारा तोड़ा गया शिबलिंग
ये लेख लिखना हमनें तब शुरु किया था जब यह घर्मनिर्पेक्ष गिरोह मुस्लिम जिहादी आतंकवादी संगठन सिमी उर्फ इंडियन मुझाहिदीन का बचाव कर आम मुसलमानों को भड़काकर इस आतंकवादी संगठन के साथ खड़े होने के लिए प्रेरित कर रहा था। जिसका परिणाम बाटाला हाऊस मुठभेड़ के बाद जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के उपकुलपति के नेतृत्व में देशद्रोही मुस्लिम आतंकवादियों के समर्थन में निकाली गई रैली के रूप में देखने को मिला । इस विश्वविद्यालय के जिहादियों के साथ सम्बन्धों की जांच भारतीय सेना से करवाई जानी चाहिए ।
हमें ये भी जानकारी मिली है कि इस विश्वविद्यालय को सब मुस्लिम आतंकवादियों के गढ़ साउदी अरब से भी आर्थिक सहायता मिलती है। अगर ये सत्य है फिर तो यह स्पष्ट है कि ये विश्वविद्यालय मुस्लिम आतंकवादियों को अपने यहां शरण देता है जो एक तरह से भारत के विरूद्ध युद्ध की तैयारी जैसा है । वैसे भी हम इन सैकुलर गद्दारों से जानना चाहेंगे कि क्या एक जिहादी देश के पैसे से चल रहे विश्वविद्यालय द्वारा मुस्लिम आतंकवादियों का समर्थन करना देशद्रोह नहीं तो और क्या है ?
जागो ! हिन्दू जागो !
बाद में ये सैकुलर गिरोह खुद इन देशद्रोही मुस्लिम जिहादी आतंकवादियों के समर्थन में उत्तर आया और शहीद मोहन चन्द शर्मा जी के नेतृत्व में पुलिस जवानों की बहादुरी और बलिदान को गाली-गलौच करते हुए न्यायिक जांच की मांग करने लगा।
यह वही गिरोह है जिसके नेतृत्व में सारे भारत में वन्देमातरम् का गान करने का फैसला किया गया लेकिन मुठीभर देशद्रोही मुस्लिम आतंकवादियों द्वारा वन्देमातरम् का विरोध इस आधार पर किए जाने पर कि वन्देमातरम् का गान उनकी जिहादी मानसिकता के विरूद्ध है। इस गिरोह की सरकार ने वन्देमातरम् गाने का फैसला वापिस लेते हुए यह कह दिया कि जिसको गाना है वो गाए जिसको नहीं गाना है वो न गाए।
· इस फैसले से एक तो राष्ट्रगीत का अपमान किया गया !
· दूसरे देशद्रोही मुस्लिम आतंकवादियों का हौंसला बढ़ाया गया !
· तीसरा आम मुसलमान को वन्देमातरम् का विरोधी घोषित कर दिया !
· जब ये देशविरोधी मानसिकता वाले देशद्रोही परिवार नियोजन जैसे कार्यक्रमों का विरोध करते हैं और अधिक से अधिक बच्चे पैदा कर देश के इस्लामीकरण की बात करते हैं तो ये सैकुलर गिरोह आम देशभक्त मुसलमान को परिवार नियोजन जैसे कार्यक्रमों के लाभ बताकर उसके साथ खड़ा होने के बजाए जिहादी मानसिकता वाले देशद्रोहियों का साथ देता है और परिवार नियोजन जैसे कार्यक्रमों का विरोध करता है।
परिवार नियोजन का समर्थन करने वालों को सांप्रदायिक कहकर आम देशभक्त मुसलमानों को डराकर जिहादी मानसिकता वाले देशद्रोहियों का साथ देने के लिए मजबूर करता है फिर मुसलमानों की गरीबी का ढिंढोरा पीटने के लिए सच्चर कमेटी बनाता है
अब इस देशद्रोही हिन्दुविरोधी सैकुलर गिरोह को कौन समझाये कि बिना परिवार नियोजन के विकास सम्भव नहीं।
· चौथा मुठीभर अलगावबादी मानसिकता वाले सिरफिरों द्वारा वन्देमातरम् व परिवार नियोजन के विरोध को सब मुसलमानों की राय बताकर सब के सब मुसलमानों पर देशद्रोही होने का लैबल चिपका दिया ।
अब आप ही सोचो कि यह गिरोह देशद्रोही मुस्लिम आतंकवादियों का समर्थक है या आम देशभक्त मुसलमान का ?
हमारे विचार में यह गिरोह सिर्फ देशद्रोही मुस्लिम आतंकवादियों का समर्थक है न कि आम देशभक्त मुसलमान का क्योंकि यह गिरोह हर तरह से आम देशभक्त मुसलमान का नुकसान ही कर रहा है।
एक तरफ यह देशद्रोही गिरोह मुहम्मद अफजल, सोराबुदीन व आतिफ जैसे देशद्रोही मुस्लिम आतंकवादियों का समर्थन कर आम देशभक्त मुसलमानों के बच्चों को साफ संदेश दे रहा है कि तुम आतंकवादी बनो सारा सैकुलर बोले तो देशद्रोही गिरोह आपका सुरक्षा कवच बनकर खड़ा है !
दूसरी तरफ बहुत सी मस्जिदों व मदरसों पर इस अलगावबादी मानसिकता वाले आतंकवादियों के कब्जे की वजह से इस्लाम में ब्यापत बुराईयों को समाप्त करने के बजाए उल्टा उनका समर्थन कर इन बुराईयों को बढाबा देकर आम देशभक्त मुसलमानों के बच्चों व देश को एक ऐसे गर्त में धकेलता चला जा रहा है जिसका परिणाम अफगानिस्तान व पाकिस्तान के कबाइली इलाकों जैसी जाहलिएत है न कि जन्नत जो कि ये जिहादी मानसिकता वाले आतंकवादी इस गिरोह की सहायता से प्रचारित कर रहे हैं।
अगर इस सेकुलर गिरोह का ये आतंकवाद प्रेम व हिन्दूविरोध इसी तरह जारी रहा तो वो दिन दूर नहीं जब भारत में भी अफगानीस्तान जैसे हालात वन जायेंगे और हर जगह तालिबान ही नजर आयेंगे।
अगर इन्हें आम मुसलमान की चिन्ता होती तो ये अल्पसंख्यकवाद व धर्मनिर्पेक्षता के बहाने देशद्रोही मुस्लिम जिहादी आतंकवादियों का समर्थन कर व शान्तिप्रिय हिन्दुओं और उनके राष्ट्रवादी संगठनों का खौफ दिखाकर आम मुसलमान को राष्ट्र की मुख्यधारा से काटने का यूँ प्रयत्न न करते बल्कि इस सत्य का एहसास करवाते कि वेशक दोनों की पूजा-पद्धति अलग-अलग है पर दोनों के पूर्वज एक ही हैं ।
क्योंकि आक्रमणकारी जिहादियों के साथ तो कुछ गिनेचुने जिहादी ही आए थे। आम मुसलमान वो परावर्तित हिन्दू हैं जो औरंगजेब और बाबर जैसे राक्षसों के अत्याचारों से तंग आकर इस्लाम अपनाने को मजबूर हुए और इस सैकुलर गिरोह की भारतीय संस्कृति विरोधी फूट डालो और राज करो के देशद्रोही षड्यन्त्रों की वजह से आज तक मजबूर हैं वरना इन मुठीभर देशद्रोही मुस्लिम आतंकवादियों में कहाँ इतना दम था कि इन आम देशभक्त मुसलमानों की आवाज को इस तरह दबाकर रखते और इनके होनहार बच्चों को आतंकवाद की उस अंधेरी गली में धकेलते जिसके रास्ते सीधे जहन्नुम में खुलते हैं ।
आम देशभक्त मुसलमान न तो जिहादी है,न आतंकी है, न ही कट्टर और न ही औरंगजेब और बाबर जैसे राक्षसों की संतान। ये तो भगवान राम की उस संतान की तरह है जो मन्दिर जाती है फर्क सिर्फ इतना है कि इसकी पूजा पद्धति थोड़ी अलग है । सारा मामला जयचंद के वंशज इस देशद्रोही गिरोह व औरंगजेब और बाबर जैसे राक्षसों की संतानों इन मुठ्ठीभर देशद्रोही मुस्लिम जिहादी आतंकवादियों के द्वारा उलझाया हुआ है।
अगर आपको लगता है कि मामला इतना सीधा नहीं है तो जरा इस बात की ओर ध्यान दो ।
Ø हम दावे के साथ कह सकते हैं कि जिन हिन्दुओं व राष्ट्रवादी संगठनों का नाम लेकर आम देशभक्त मुसलमानों को डराया व उकसाया जाता है उनमें से किसी को भी अपने इन मुस्लिम भाईयों के मस्जिद जाने पर कोई आपत्ति नहीं है और न ही इन मुस्लिम भाईयों को हिन्दुओं के मन्दिर जाने या मूर्तिपूजा करने पर कोई आपत्ति हो सकती है।
Ø लेकिन औरंगजेब और बाबर जैसे राक्षसों की संतानों को व इस देशद्रोही सैकुलर गिरोह को, हिन्दुओं के मन्दिर जाने, मूर्तिपूजा करने और यहाँ तक कि हिन्दुओं के आस्तिक होने पर ही घोर आपत्ति है तभी तो यह गिरोह एक तरफ माननीय सर्वोच्चन्यायालय में सपथपत्र देकर घोषणा करता है कि भगवान राम हुए ही नहीं और दूसरी तरफ इनके लाडले देशद्रोही मुस्लिम जिहादी आतंकवादी मन्दिरों में बम्ब विस्फोट करते हैं ।
यह सैकुलर गिरोह यह भूल जाता है कि ये सबकुछ तबतक चल रहा है जब तक हिन्दू इनकी असलिएत से अनभिज्ञ है व अपने शान्तिप्रिय स्वभाव को नहीं छोड़ता लेकिन अब इनकी असलिएत बड़ी तेज गति से बेनकाब हो रही है और हिन्दू समझ रहा है कि जो शहीद मोहनचन्द शर्मा जी के बलिदान का अपमान कर रहे हैं वो भला देशभक्त कैसे हो सकते हैं ? जो देश के लिए प्राण जोखिम में डालकर देशद्रोहियों को पकड़ने व मारगिराने वाले सैनिकों व पुलिस के जवानों को शक की निगाह से देखते हैं उनकी शहीदी का अपमान करते हैं व देशद्रोही मुस्लिम जिहादी आतंकवादियों का समर्थन करते हैं उनके समर्थन में रैलियां धरने प्रदर्शन जुलूस निकालते हैं इनकी खातिर कोर्ट पहुंचते हैं कोर्ट को गुमराह करने का जोर-शोर से प्रयास करते हैं फिर फैसला सत्य और न्याय के पक्ष में आने पर माननीय सर्वोच्चन्यायालय तक का अपमान करते हैं व आदेश नहीं मानते व माननीय सर्वोच्चन्यायालय तक को अपनी सीमा में रहने और इनके देशविरोधी कामों में हस्ताक्षेप न करने की धमकी तक दे डालते हैं । मानो ये सब काफी न हो तो इनके समर्थन से पलने वाले आतंकवादी न्यायालय परिसर,पुलिस व सेना के शिविरों और गाड़ियों में बम्ब विस्फोट कर डालते हैं मानो कि के कह रहे हों जब संइयां भय सरकार तो फिर डर काहे का ।
ü यही वजह है कि जब भी हम हिन्दू बोलते हैं तो उसका अभिप्राय उन सभी भारतीयों से है जो भारत भूमि को सच्चे मन से अपनी मातृभूमि मानते हैं भारतीय संस्कृति को अपनी संस्कृति मानते हैं भारत के शत्रु को अपना शत्रु मानते हैं फिर वो चाहे पूजा के लिए मन्दिर या गुरूद्वारा या मस्जिद या गिरजाघर कहीं भी जाएं या फिर कहीं भी न जाएं या फिर सब जगह जाएं उसके देशभक्त भारतीय अर्थात हिन्दू होने पर कोई फर्क नहीं पड़ता । इस हिन्दू को एक दूसरे की पूजा पद्धति पर कोई आपत्ति नहीं होती ।
ü आप जरा सोचो कंधार काबुल जो कभी भारत था अफगानिस्तान बनकर गृहयुद्ध का शिकार क्यों है ? सिंध , ब्लूचीस्तान, कराची, लाहौर, ढाका जो 60 वर्ष पहले भारत था आज आन्तरिक मार-काट का शिकार क्यों है ? लोग वही हैं, जमीन वही है, सब कुछ वही है बस फर्क पड़ा तो इतना कि वो खुद को हिन्दू नहीं मानते ।
ü हम बाहर की बात क्यों करें जरा भारत को ही ध्यान से देखें कि कहां-कहां अलगाववाद है, हिंसा है, दंगा है, अशांति है सिर्फ वहां पर जहां-जहां खुद को हिन्दू न मानने वालों की संख्या प्रभावशाली है जैसे कि कश्मीरघाटी,आसाम,गोधरा, कंधमाल,मऊ, उत्तर-पूर्व के कई हिस्से। देश में और भी कई स्थान ऐसे हैं जहां खुद को हिन्दू न मानने वाले अकसर हिन्दुओं पर हमला करते रहते हैं और यह सैकुलर गिरोह हमलावरों के समर्थन में हिन्दुओं व उनके संगठनों को सांप्रदायिक, कातिल,गुंडा प्रचारित कर बदनाम करने के लिए विश्वव्यापी अभियान चलाता रहता है
ü यह मूर्खों का गिरोह इतना भी सोचने का कष्ट नहीं करता कि अगर हिन्दुओं व उनके संगठनों को ही इस्लाम या ईसाईयत मिटाओ अभियान चलाना हो तो वो हिन्दुबहुल क्षेत्रों मे शुरू करें और सारे भारत में एक साथ चलाएं न कि उन क्षेत्रों में जहां इस्लाम या ईसाईयत को मानने वाले या तो बहुसंख्यक बन गय हैं या बहुसंख्यक बनने के कगार पर पहुंच गए हों जबकि सच्चाई यह है कि हिन्दुओं व उनके संगठनों को इस्लाम या ईसाईयत से कोई समस्या नहीं ।
समस्या है तो उन देशद्रोहियों से है जो इस्लाम के बहाने जिहादी मानसिकता का प्रचार-प्रसार व समर्थन करते हैं व खुद को औरंगजेब और बाबर जैसे नरभक्षीयों की संतान कहलवाने में गर्व महसूस करते हैं या सेवा के नाम पर ईसाईयत के प्रचार-प्रसार के बहाने हिन्दूधर्म की निंदा कर हिन्दूधर्म विरोधी महौल बनाकर छल-कपट से जबरन धर्माँतरण को बढ़ावा देते हैं व धर्माँतरण का विरोध करने वाले परम पूजनीय स्वामी लक्ष्मणानन्द सरस्वती जी जैसे देशभक्त समाजसेवकों और सन्तों का कत्ल करते हैं ।
Ø इस देशद्रोही गिरोह को हम यह स्पष्ट कर देना चाहते हैं कि खुद को औरंगजेब और बाबर जैसे नरभक्षियों की संतान कहलवाने वाले इन मुठ्ठीभर देशद्रोही मुस्लिम आतंकवादियों व धर्माँतरण करवाने वालों के लिए इस देश में न कोई जगह है और न ही कोई जगह हो सकती है फिर भी इस गिरोह को अगर विषय स्पष्ट नहीं तो हम इनके सामने वो सच्चाई रखने का प्रयास करेंगे जिसे आज हर देशभक्त महसूस करता है पर कहने से बचता है शायद इस उम्मीद में कि मानवता के शत्रु अपने आप मानवता को लहूलुहान करना छोड़ देंगे पर वो यह भूल जाता है कि राक्षस के मुँह अगर एक बार खून लग जाए तो वह तब तक नहीं रूकता जब तक सामने वाला खत्म न हो जाए या फिर इस राक्षस को खत्म न कर दिया जाए । हमारे विचार में भारत से अब इस राक्षस को मिटा देने का वक्त आ चुका है !
आप समझ ही गये होंगे कि हम किस राक्षस की बात कर रहे हैं । जी हाँ आप बिल्कुल ठीक समझे हम मुस्लिम आतंकवाद की बात कर रहे हैं ये आतंकवाद भारत के लिए कोई नया नहीं । इसका भारत में प्रवेश सातवीं/आठवीं शताब्दी में मुहम्मदबिन कासिम के रूप में सिंध के रास्ते हुआ जिसका असली राक्षसी चेहरा महमूदगजनबी ,औंरगजेब, बाबर, चंगेजखां ,जहांगीर आदि के रूप में सामने आया। इन राक्षसों ने हिन्दुओं पर कौन से जुल्म नहीं ढाए। अनगिनत हिन्दुओं का कत्ल किया, माताओं, बहनों, बहु, बेटियों, बच्चों तक को नहीं बख्शा माताओं, बहनों, बहु, बेटियों की इज्जत से खिलवाड़ किया सो अलग और ये सब हुआ मुस्लिम जिहाद के नाम पर ईस्लाम के प्रसार के लिए।
आस्था विश्वाश भाईचारे का कौन सा ऐसा चिन्ह है जिसे इन जिहादियों ने बख्शा ?
बेहिसाब मन्दिरों को लूटा और तोड़ा प्रमाण ढूँढने की जरूरत नहीं प्रमाण देश के हर कोने में मौजूद हैं सोमनाथ, अयोध्या,मथुरा और काशी के बारे में कौन नहीं जानता । कोई तो बताए ये सब कैसे भुलाया जा सकता है ? और क्यों भुलाया जाना चाहिए? इस देश की मिट्टी का एक-एक कण इन नरभक्षी मुस्लिम आतंकवादियों द्वारा किए गय कत्लेआम से सना है इस परंपरा का पालन मुस्लिम कम, सैकुलर गिरोह ज्यादा करने पर तुला हुआ है ।
गुरू तेगबहादुर जी की कुर्बानी को कौन भुला सकता है क्या यह झूठ है कि वह जिहाद का शिकार सिर्फ इसलिए हुए क्योंकि उन्होंने धर्मांतरण का विरोध किया ?
श्री गुरूगोविन्द सिह जी बेटों सहित बलिदान हुए किस लिए ? धर्म की रक्षा के लिए। पर किससे ? इन्हीं राक्षसों से, जिन्हें आप चाहे मुस्लिम आतंकवादी कहो चाहे जिहादी या फिर इनका बचाव करने के लिए बेचारा, गुमराह, गरीब, अनपढ़, सत्ताया हुआ मुस्लिम नौजवान ( देशद्रोही-हिन्दुविरोधी इन्हें इसी नाम से पुकारते हैं) पर सच्चाई यही है कि ये राक्षस यह सब कुछ इस्लाम पर हो रही काल्पनिक ज्यादतियों का अपने सैकुलर एजेंटों के माध्यम से झूठ फैलाकर इस्लाम के प्रचार-प्रसार के लिए जिहाद का नाम लेकर करते थे, कर रहें हैं और तब तक करेंगे जब तक इस भारत से हिन्दुओं का नामोनिशान नहीं मिट जाता या फिर इन्हें इनके समर्थकों सहित मिटा नहीं दिया जाता ।
जरा याद करो महाराणा प्रताप, छत्रपति शिवाजी महाराज का बलिदान । सारी ज़िन्दगी धर्म की रक्षा के लिए लड़े और धर्म की रक्षा के लिए बलिदान हुए। पर रक्षा किससे ? इन्हीं राक्षसों से जिन्हें यह सैकुलर गिरोह बेचारा गरीब सताया हुआ प्रचारित करके यह कुतर्क देता है कि वर्तमान भारत में यह सब हिन्दू संगठनों की वजह से हो रहा है और वो भी राम मन्दिर अंदोलन व गुजरात का बदला लेने को लिए।
लेकिन सच्ची-पक्की बात यह है कि जिस जिहाद से लड़ते हुए वह अनगिनत अमूल्य बलिदानी शहीद हुए थे उसी जिहाद का मुकाबला आज हिन्दू संगठन,सुरक्षावल व समस्त हिन्दूसमाज कर रहा है और जो गद्दारी उस वक्त जयचन्द जैसे देशद्रोहियों ने की थी वो ही गद्दारी आज ये देशद्रोहियों का सैकुलर गिरोह कर रहा है ।
· आओ जरा वर्तमान भारत में धर्म पर हो रहे हमलों का तार्किक विश्लेशण करें। दीवाली पर दिल्ली में धमाके, होली पर वाराणसी में बजरंगबली के मन्दिर में धमाके,राखी पर मुम्बई में धमाके,गणेशोत्सव पर फिर दिल्ली में धमाके ,इसके अतिरिक्त अहमदावाद, सूरत, जयपुर में मन्दिर के पास, कर्नाटक, रघुनाथ मन्दिर, अक्षरधाम मन्दिर । इन सब धमाकों में दो बातें स्पष्ट उभर कर आती हैं एक तो ये सब धमाके हिन्दुबहुल क्षेत्रों व मन्दिरों को निशाना बनाकर किए जाते हैं ताकि अधिक से हिन्दुओं को मौत के घाट उतारा जा सके और दूसरी बात यह कि ये सब धमाके उन्हीं मुस्लिम आतंकवादियों द्वारा किए जा रहे हैं जिन्हें इस गिरोह की सरकार का गृहमन्त्री सरकार में शामिल लोगों का भाई बताता है।
Ø इन सब धमाकों का एक ही उद्देश्य है शान्तिप्रिय हिन्दुओं की बर्बादी और राक्षसों का बर्चस्व स्थापित करना। जिहादियों के समर्थक यह तर्क देते हैं कि ये हमले हिन्दुओं को निशाना बनाकर नहीं किए जा रहे क्योंकि इसमें मुस्लिम भी मारे जाते हैं(इस झूठ का प्रचार करने के लिए इनका सहयोगी मीडिया धमाकों में मारे गये एक मुस्लिम को बार-बार दिखाकर इस झूठ को आगे बढ़ाकर सच को छुपाने की कोशिश करता है ) पर वो यह सच्चाई छुपाने की कुचेष्ठा करते हैं कि ऐसे धमाकों में मारे जाने वाले मुस्लिमों की संख्या न के बराबर होती है।
· जिहादियों के समर्थक यह तर्क भी देते हैं कि ये हमले तो मस्जिदों को निशाना बनकर भी किए जाते पर ये लोग यह बताने से बचते हैं कि जामामस्जिद में हुए बम्बविस्फोट में सिर्फ एक व्यक्ति घायल हुआ मरा कोई भी नहीं । मक्कामस्जिद में बम्बविस्फोट पानी की टांकी के पास हुआ न कि मस्जिद के अन्दर इसी तरह मालेगांव( यहाँ मुसलमान भगदड़ में मरे न कि धमाके से) में भी बम्बविस्फोट मस्जिद के पास हुआ न कि मस्जिद के अन्दर और ये दोनों बम्बविस्फोट दुर्घटनाबश हुए क्योंकि इन जिहादियों के प्रशिक्षण केन्द्र मदरसे हैं और संचालन केन्द्र मस्जिदें । ऐसे स्थानों पर परीक्षण के समय या दुर्घटनाबश बम्बविस्फोट होना सामान्य घटना है न कि कोई साजिश । ऐसी भी चर्चा है कि जिहादी हिन्दुबहुल क्षेत्र में बम्ब रखने जा रहे थे कि रास्ते में पड़ती मस्जिद में अपने सहयोगियों से मिलने के लिए व धमाकों से पहले नमाज पढ़ने के लिए रूके और इस बीच दुर्घटनाबस ये धमाके हो गये । वरना अगर ये बम्ब किसी हिन्दू ने लगाने होते तो मस्जिद में लगाता न कि बाहर ।
· जो लोग बार-बार हिन्दू आतंकवाद की काल्पनिक अवधारणा बना रहे हैं वो ये क्यों कैसे भूल रहे हैं कि पाकिस्तान जैसे मुस्लिम देशों में जो मस्जिदों में तबाही हो रही है वो मुस्लिम जिहादी ही तो कर रहे हैं। फिर भारत में ये सब मुस्लिम जिहादी नहीं कर रहे हैं ऐसा तो जिहादियों का बचाव करने वाले बिके हुए दलालों द्वारा ही कहा जा सकता है या फिर उन कातिलों द्वारा जिन्होंने ये धमाके खुद करवाये हों !
लेकिन जिहादियों को अपना भाई मानने वाला यह गिरोह इन जिहादियों को हीरो बनाने के लिए कुछ भी कह सकता है कुछ भी कर सकता है।
v इस सैकुलर गिरोह ने तो मानो निर्दोष शान्तिप्रिय हिन्दुओं को इन घटनाओं में झूठा फंसाकर आतंकवादी सिद्ध करने की कसम उठा रखी हो और उठांए भी क्यों न एक तरफ शहीद मोहनचन्द शर्मा जी के बलिदान का अपमान करने के मुद्दे पर अभी देशभक्त हिन्दुओं का गुस्सा शान्त भी नहीं हुआ था कि राजठाकरे के माध्यम से हिन्दुओं को क्षेत्रवाद के आधार पर लड़ाकर फूट डालो और राज करो की साजिश का पर्दाफाश हो गया। ऊपर से पिछले कई दशकों से बोले जा रहे इस झूठ का कलंक कि हिन्दू आतंकवादी हैं जब पिछले पाँच सालों के षड्यन्त्रों के बावजूद कोई हिन्दू आतंकवादी न मिला तो मरता क्या न करता इसलिए हताशा में एक निर्दोष राष्ट्रभक्त साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को ए .टी .एस पर दबाव बनाकर डलबा दिया जेल में यह भी न सोचा कि देशद्रोही हिन्दुविरोधी जिहाद समर्थक गिरोह की सरकार द्वारा निर्दोष राष्ट्रभक्त हिन्दुओं को जेल में डालकर ‘हिन्दू आतंकवादी हैं , ‘हिन्दू आतंकवादी हैं , प्रचारित करने से कोई उस पर भरोसा करने वाला नहीं क्योंकि सब जानते हैं कि जिहादी आतंकवादियों को अपना भाई बताने वाली सरकार, उनको सजा से बचाने के लिए पोटा हटाने वाली सरकार, सेना व पुलिस के बहादुर जवानों द्वारा मारे गए जिहादी आतंकवादियों के परिवारों को मुआबजा देने वाली सरकार, माननीय सर्वोच्च न्यायालय से फाँसी की सजा प्राप्त जिहादी आतंकवादी मुहम्मद अफजल को फाँसी न देकर दो वर्ष से उसे बचाकर रखने वाली सरकार ,प्रतिशोध में बेबकूफ बने हिन्दू राहुल राज को एक पल में आनॅ द स्पाट गोली मारकर फाँसी देने वाली सरकार, क्वात्रोची जैसे देशविरोधी लुटेरे एन्टोनियो माइनो मारियो के एजेंट के लंदन बैंक में देशभक्त सरकार द्वरा जब्त करवाए गए वोफोर्स काँड दलाली के पैसे को कानूनमन्त्री भेज कर छुड़वाने वाली सरकार, आसाम में बंगलादेशी घुसपैठियों के साथ मिलकर सरकार बनाकर जिहादी आतंकवादियों द्वारा हिन्दुओं को मरवाने व बेघर करवाने वाली सरकार, इन हत्यारे बंगलादेशी घुसपैठिए जिहादी आतंकवादियों को बांगलादेश वापिस भेजने के लिए माननीय सर्वोच्चन्यायालय के आदेशों को न मानने व ऐसे सभी कानूनों को तोड़ने वाली सरकार, जिहादी आतंकवादियों को कानून बनवाकर जेलों से छुड़वाने वाली सरकार , जिहादी आतंकवादियों को अपने प्राणों की बाजी लगाकर पकड़ने या मारने वाले सेना व पुलिस के बहादुर जवानों को जेलों में डलवाने वाली सरकार,शहीद मोहन चन्द शर्मा जी जैसे देशभक्तों के बलिदान का अपमान करने वाली सरकार देशभक्तों को अपमानित करने के लिए कोई भी षड्यन्त्र रच सकती है, किसी भी हद तक गिर सकती है ।
v निर्दोष राष्ट्रभक्त साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर जी को जेल में डालना इसी षड्यन्त्र का एक हिस्सा है इससे पहले भी यह सरकार राष्ट्रभक्त सन्त परम पूजनीय स्वामी रामदेव जी को अपमानित करने के लिए कई षड्यन्त्र रचकर मुंह की खाकर अपनी फजीहत करवा चुकी है । निर्दोष राष्ट्रभक्त साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर जी के मामले में भी सरकार के षड्यन्त्र का यही हश्र होने वाला है । वैसे भी जरा आप निष्पक्ष होकर सोचो कि जो सरकार हिन्दूविरोधियों को खुश करने के लिए भगवान राम जी के अस्तित्व को ही नकार सकती हो वो भला भारतीय संस्कृति को नष्ट करने के लिए क्या नहीं कर सकती है बोले तो ,कुछ भी कर सकती है ये तो सेना, राष्ट्रभक्त हिन्दुओं व उनके संगठनों का डर है जो इस देशद्रोही हिन्दुविरोधी जिहाद व धर्मांतरण समर्थक गिरोह को अपने नापाक कदम पीछे खींचने पर मजबूर कर देता है वरना आज तक तो यह देशद्रोही हिन्दुविरोधी गिरोह जिहाद व धर्मांतरण समर्थकों के साथ मिलकर सारे भारत से भारतीय संस्कृति बोले तो हिन्दू संस्कृति का नामोनिशान उसी तरह मिटा देता जिस तरह कश्मीरघाटी,उत्तरपूर्व के कई क्षेत्रों से मिटाया व देश के कई अन्य हिस्सों में यह हिन्दू मिटाओ हिन्दू भगाओ अभियान जोर-शोर से चल रहा है पर यह वहीं सम्भव हो पा रहा है जहां हिन्दू संगठन बिल्कुल कमजोर हैं और हिन्दू संगठन वहां पर कमजोर हैं जहां पर राष्ट्रभक्त कम संख्या में हैं अतः सारे भारत में राष्ट्रभक्तों की संख्या बढ़ाकर व देशद्रोही हिन्दुविरोधी जिहाद व धर्मांतरण समर्थकों की संख्या घटाकर भारतीय सेना के हाथ मज़बूत कर भारतीय संस्कृति को बचाकर विश्वगुरू भारत का पुनःनिर्माण करने के लिए हिन्दूक्रांती देश की जरूरत है शौक नहीं ।
हिन्दुओं को आतंकवादी व कातिल बताने बाला यह झूठ इस देशद्रोही हिन्दुविरोधी जिहाद व धर्मांतरण समर्थक गिरोह का कोई पहला झूठ नहीं आप सबको याद होगा कि सन 2000 में जब केन्द्र में एन.डी.ए की सरकार थी और गुजरात में भाजपा की । कुछ समय बाद आंध्रप्रदेश, गोआ, गुजरात और कर्नाटक में चर्चों पर हमले होने लगे तो हिन्दूविरोधियों के इस गिरोह ने देश-विदेश में शोर मचा दिया कि ये हमले योजनाबद्ध तरीके से अल्पसंख्यकों को खत्म करने की साजिश के तहत हिन्दूसंगठन करवा रहे हैं बाद में मीडिया का एक बढ़ा वर्ग भी इस दुष्प्रचार में शामिल हो गया । हिन्दूसंगठनों ने लाख कहा कि कि इन हमलों से उसका कोई वास्ता नहीं पर ये कहाँ सुनने वाले थे इनको तो सिद्ध करना था कि हिन्दुत्व की बात करने वाले सांप्रदायिक हैं कातिल हैं ! आप समझ सकते हैं कि निर्दोष को दोषी साबित करना कितना मुस्किल होता है ? इसलिए इस टीम ने पूरा जोर लगाया सच्चाई को दबाने में, पर सच्चाई तो सच्चाई है कहां दबती है सामने आ ही जाती है इस मामले में भी यही हुआ और सिद्ध हो गया कि ये सैकुलर गिरोह गद्दारों का वो गिरोह है जो हिन्दुओं व उनके संगठनों को बदनाम कर, देश को तवाह करने के लिए किसी भी हद तक गिर सकता है-झूठ बोल सकता है ।
आँध्रप्रदेश में दीनदार अंजुमन नामक मुस्लिम आतंकवादी गैंग के 23 जिहादी पकड़े गए जिन्होंने यह स्वीकार किया कि देश में चर्चों पर हमले इन्होंने किए थे। भगवान की दया से ये गैंग किसी भारतीय जनता पार्टी शासित राज्य में नहीं पकड़ी गई वरना ये देशद्रोही गिरोह आरोप लगा देता कि ये गलत पकड़े गए ।
क्या हिन्दुओं व उनके संगठनों को बेवजह बदनाम करने वाले इन दुष्टों ने हिन्दुओं से माफी मांगी या इस बेवकूफी से कोई सबक लिया कोई नहीं । अगर इस देशद्रोही हिन्दुविरोधी जिहाद व धर्मांतरण समर्थक गिरोह के लोग इतने ही समझदार होते तो भला वो देशद्रोहियों का साथ देते क्या ?
अगर आपको इन जिहादियों के दोषी होने के बारे में कोई सन्देह है तो आपकी जानकारी के लिए बता दूँ कि 22 नवम्बर 2008 को माननीय न्यायालय में इनका अपराध सिद्ध हो चुका है । अगर इस हिन्दुविरोधी तालिबानी मीडिया ब सैकुलर गिरोह में शर्म नाम की कोई चीज बाकी है तो इसे सारे संसार में हिन्दुओं को कातिल कहकर फैलाए गये झूठ के लिए समस्त जिन्दुओं से माफी मांग लेनी चाहिए वरना हमें विश्वास हो जाएगा कि ये असुरों का तालिबानी गिरोह है !
आओ जरा उड़ीसा के कंधमाल की बात करें जो 15 सितम्बर से 15 अक्तूबर 2008 तक पूरे जोर-शोर से न केवल भारत बल्कि पूरे संसार के ईसाई देशों खास कर एन्टोनियो मांइनो मारियो के घर इटली के पोप शासित रोम में पूरी तरह से छाया रहा । कई धर्मांतरण समर्थक हिन्दू विरोधी मंचों पर तो आज भी ये सुर्खियों में है । हो भी क्यों न कंधमाल को पोप शासित रोम बनाने के रास्ते में देशभक्त हिन्दू व उनके संगठन जो दीवार बनकर खड़े हो गए। हम इन धर्मांतरण के ठेकेदारों को यहाँ स्पष्ट कर देना चाहते हैं कि यह इटली नहीं भारत है और भारत के किसी भी हिस्से को रोम नहीं बनने देंगे और भविष्य में अगर किसी हिस्से को रोम बनाने की कोशिश की तो वहां कंधमाल नजर आएगा ।
भगवान की लीला देखो नाइजीरिया में एक दूसरे का कत्ल कर उसे नरक बना देने वाले ये ईसाई व मुसलमान, अफगानिस्तान व ईराक में मुसलमानों की हत्या के लिए ईसाईयों को पानी पी-पी कर कोसने वाले व भारत में चर्चों पर हमला करने वाले मुसलमान भी देशभक्त हिन्दुओं व उनके संगठनों पर हमला करने के मुद्दे पर धर्मांतरण समर्थक ईसाईयों के साथ आ खडे हुए और स्पष्ट कर दिया कि सारी दुनिया में भले ही ईसाई मुसलमान एक दूसरे के खून के प्यासे हों पर हिन्दूराष्ट्र भारत को तबाह करने के मुद्दे पर ये जिहादी व धर्मांतरण समर्थक एक साथ हैं।
धर्मांतरण के ठेकेदार सारे भारत में हिन्दूधर्म के बारे में दुष्प्रचार कर भारतीय संस्कृति पर हमला बोले हुए हैं ये हमला भारत के बनवासी व दूरदराज क्षेत्रों में ज्यादा तीखा स्पष्ट और आक्रामक है ईसाईयों के इस अक्रामक दुष्प्रचार से देशभक्त हिन्दू समाज व उनके संगठन आक्रोश में हैं पर अपनी शांतिप्रिय सनातन संस्कृति के कारण शांतिप्रिय ढंग से इन धर्मांतरण के ठेकेदारों को समझाने व रोकने का असफल प्रयास कर रहे हैं लेकिन ये धर्मांतरण के ठेकेदार व उनके समर्थक अपनी आदत से मजबूर हैं क्योंकि ये सनातन संस्कृति को बदनाम कर समाप्त करने की कसम उठा चुके हैं और यही इनका ब्यापार भी है इन धर्मांतरण के ठेकेदारों द्वारा किए जा रहे दुष्प्रचार को सुन कर( ईसाई संसार में फैल रहे थे, हिन्दू घबरा गये,सनातन धर्म चकनाचूर हो गया सनातन को मानने वाले ईसाई बन गये) व इन इनके द्वारा लिखे जा रहे हिन्दू विरोधी सहित्य को पढ़ कर कोई भी आम समाज उत्तेजित होकर शाम दाम दण्ड भेद का उपयोग कर इनका नामोनिशान मिटाने पर उत्तर आए लेकिन ये देशभक्त हिन्दू समाज अपनी शांतिप्रिय सनातन संस्कृति के कारण सबकुछ सहन कर रहा है पर हर बात की हद होती है इसिलिए श्रीमद् भगवतगीता में साफ कहा गया है कि जब अत्याचार की अति हो जाए तो अत्याचारियों व अत्याचारियों के समर्थकों को समाप्त कर देना चाहिए !
ü ये जम्मू, गुजरात और उड़ीसा जैसी छुटपुट घटनांए इस आक्रोशित देशभक्त हिन्दू समाज की तात्कालिक हमले की प्रतिक्रिया का टरेलर मात्र हैं ये प्रतिक्रिया कितनी व्यापक व भयानक हो सकती है इसका अन्दाजा शायद इन धर्मांतरण के ठेकेदारों, जिहादियों व इस देशद्रोही हिन्दुविरोधी जिहाद व धर्मांतरण समर्थक गिरोह को नहीं है इसीलिए ये सब गद्दार बारी-बारी से लगातार भारतीय संस्कृति पर प्रहार कर देशभक्त हिन्दू समाज की आत्मा को लहूलुहान कर अपनी मौत को बुलाबा दे रहे हैं।
परपूजनीय सन्त श्री लक्ष्मणानन्द जी का कत्ल अगर ये ईसाई मिशनरी न करते तो शायद बनवासी हिन्दू समाज का धैर्य न टूटता । जैसे देश के अन्य हिस्सों में हिन्दू समाज व हिन्दू संगठन ईसाई मिशनरियों के अत्याचार सह रहे हैं अनका गाली गलौच, भारतीय संस्कृति व हिन्दू समाज की घोर निन्दा वो भी असंसदीय भाषा में, सहन कर रहे हैं कंधमाल में भी करते रहते। परन्तु कत्ल सहने का धैर्य अब जबाब दे चुका है वो भी उस निहत्थे परपूजनीय सन्त व उनके सहयोगियों का जो दिन-रात बनवासियों की निस्वार्थ सेवा में लगे हुए थे ।
उन्हें चर्च ने इसलिए कत्ल करवा दिया कि वो धर्मांतरण का विरोध करते थे । कौन सहन करेगा इस साम्राज्यवादी सोच को ? क्यों सहन करेगा ? कब तक सहन करेगा ? हमारा देश हमारे लोग हमारी जमीन और हमारे पर ही आक्रमण और वो भी उन सम्राज्यवादी ईसाई मिशनरियों का जो 1600ई. में व्यापारियों के भेष में आए और हिन्दुओं के बीच फूट डलवाकर 300 वर्ष तक भारतीय अर्थव्यवस्था व संस्कृति को तहस नहस करते रहे और देशभक्त हिन्दुओं को मौत के घाट उतारते रहे और अब ईसाई मिशनरियों के रूप में आकर धर्मांतरण करवाकर हिन्दुओं के बीच फूट डलवाने का असफल प्रयास कर रहे हैं ।
परन्तु इनको यह नहीं भूलना चाहिए कि ये महारानी लक्ष्मीबाई व भगत सिंह का देश जलियांवाला बाग में ईसाई मिशनरी डायर द्वारा मचाई गई मार काट को अभी तक नहीं भूला है और न भूलेगा इसलिए ईसाई मिशनरियों को 16वीं शताब्दी की मानसिकता समय रहते त्याग देनी चाहिए या फिर परिणाम भुगतने के लिए तैयार हो जाना चाहिए हिन्दू समाज धर्मांतरण के ठेकेदारों को बख्शेगा नहीं । परमपूजनीय सन्त लक्ष्मणानन्द जी के ऊपर ईसाई मिशनरियों का ये दसवां हमला था ।
इनकी दुष्टता की पराकाष्ठा देखो हमले के स्थान पर जो चिट्ठी छोड़ी उसमें लिखते हैं कि क्योंकि हम भारत को सैकुलर बोले तो हिन्दुविहीन बनाना चाहते हैं इस लिए हमने स्वामी जी का कत्ल किया । कौन राष्ट्रभक्त हिन्दू इस दुष्टता को सहन कर सकता है जब इनकी दुष्टता का जबाब इन्हीं के तरीके से मिलने लगा तो शोर मचा दिया कि स्वामी जी का कत्ल माओवादियों ने किया है फिर माओवादियों को पैसा देकर उनका ब्यान दिलबा दिया वरना माओवादियों को क्या जरूरत पड़ी थी उस कत्ल की जिम्मेवारी लेने की जो उनकी सोच से मेल नहीं खाता । पता तो उन अपराधीयों का लगाया जाना चाहिए जिन्होंने माओवादियों से यह झूठा ब्यान दिलवाया जांच एजैंसियों व हिन्दुओं को गुमराहकर धर्मांतरण के ठेकेदारों को निर्दोष सिद्ध करने के लिए और उनका भी जो ईसाई देशों में इस झूठ को फैलाकर हिन्दुस्थान को बदनाम कर देशद्रोही कामों को अन्जाम देने के लिए धनसंग्रह कर रहे हैं। मीडिया के उन गद्दारों का भी पता लगाया जाना चाहिए जो बार-बार हिन्दुविरोधी दुष्प्रचार कर हिन्दुओं व हिन्दुस्थान को बदनाम कर अपनी जेबें भर रहे हैं ।
v जिस वक्त ये सबकुछ उड़ीसा में घट रहा था ठीक उसी वक्त बंगलादेशी जिहादी घुसपैठियों द्वारा आसाम में देशभक्त निर्दोष हिन्दुओं को हलाल किया जा रहा था जिन्दा जलाया जा रहा था उनके घरों को जलाकर उन्हें बेघर किया जा रहा था और कर कौन रहा था विदेशी बंगलादेशी जिहादी घुसपैठिये, मुस्लिम आतंकवादी । इसी वक्त महाराष्ट्र के धुले में आतंकवाद के विरोध में हो रही रैली को रोकने के लिए जिहादियों द्वरा हिन्दुओं पर हमला कर कई हिन्दुओं का कत्ल कर दिया व सैंकड़ों हिन्दुओं को घायल कर दिया ये हिंसा लगभग पाँच दिन तक चलती रही।
v उड़ीसा में ईसाईयों द्वारा स्वामी जी की निर्मम हत्या से शुरू हुई हिंसा में कुल 30 लोग मारे गए 500 घर जलाए गए । जबकि आसाम में जिहादियों द्वारा चलाए जा रहे हिन्दू मिटाओ हिन्दू भगाओ अभियान के तहत अब तक सैंकड़ों हिन्दू मारे जा चुके हैं, हजारों घर जलाए जा चुके हैं लाखों हिन्दू बेघर हो चुके हैं अभियान आज 31अक्तूबर 2008 तक जारी है । क्या आपने इस देशद्रोही हिन्दुविरोधी जिहाद व धर्मांतरण समर्थक गिरोह को (जो बटाला हाउस मुठभेड़ व उड़ीसा के बारे में तरह-तरह की बातें बना रहे थे विशेष चर्चा-परिचर्चा ,रैलियां करवा रहे थे ,जोर जोर से चिला रहे थे ,ईसाई मार दिए ईसाई मार दिए, हिन्दुओं व उनके संगठनों पर मन गढ़ंत आरोप लगाकर उन पर प्रतिबन्ध लगाने की मांग कर रहे थे ) आसाम या धुले की बात करते हुए देखा चर्चा-परिचर्चा करवाते हुए देखा या फिर हिन्दू मार दिए हिन्दू मार दिए हिन्दुओं के घर जला दिए चिलाते हुए देखा नहीं न क्यों नहीं क्योंकि ये सैकुलर हैं
v धर्मनिर्पेक्षता इन्हें हिन्दुओं को, हिन्दुओं की सभ्यता संस्कृति को बदनाम करना, हिन्दुओं के देवी देवताओं को गाली-गलौच करना, साधु संतो को अपमानित करना यहां तक कि भारत की आत्मा भगवान राम के अस्तित्व को नकारना तो सिखाती है पर हिन्दुओं पर होने वाले अत्याचार, हिन्दुओं के जानमाल के नुकसान का विरोध करना नहीं सिखाती ।
क्योंकि हिन्दुओं के जानमाल का नुकसान करने वाले ही तो इस देशद्रोही हिन्दुविरोधी जिहाद व धर्मांतरण समर्थक गिरोह का वोटबैंक हैं इनके अर्थतन्त्र की रीढ़ हैं ऊपर से हिन्दुओं का समर्थन करने के बदले कोई पैसे भी तो नहीं देता !
अगर ये गिरोह हिन्दुओं पर जिहादियों व धर्मांतरण के ठेकेदारों द्वारा होने वाले जुलमों-सितम के विरूद्ध आवाज उठाएगा तो इनको मुस्लिम व ईसाई देशों से मिलने वाला धन और समर्थन दोनों बन्द हो जांएगे फिर ये न हिन्दुओं को मरबा पायेंगे न धर्मांतरण करवा पायेंगे इन हालात में इनका वोटबैंक कम होता चला जाएगा। क्योंकि जिस दिन हिन्दू इनकी फूट डालो राज करो के षड्यन्त्र के चंगुल से निकलकर इनकी देशद्रोही हिन्दुविरोधी जिहाद व धर्मांतरण समर्थक मानसिकता को जानलेगा फिर इनको वोट तो क्या इस हिन्दूराष्ट्र भारत में इनका पिंडदान करने वाला भी कोई न मिलेगा ।

1 टिप्पणी:

aarya ने कहा…

सादर वन्दे!
इतना विस्तृत व विचारनीय लेख के लिए आप बधाई के पात्र हैं, इस तरह के पोस्ट सियारों के ऊपर लगे शेरों के मुखौटे हो हटाने का काम करते हैं.
रत्नेश त्रिपाठी